लेखनी कहानी -07-Jan-2023 अनोखा शतरंज
दोहे
चालें चलता हर कोई, देने को शह मात
जीवन में चलते रहते हैं घात और प्रतिघात
बिछी हुई है चौसर सी , षड्यंत्रों की बिसात
अपने ही कर जाते हैं किसी दिन विश्वासघात
सदियों से ही चल रहा सास बहू में यह खेल
कभी सास भारी पड़ी थी आज बहू रही पेल
वंशवाद कायम रखने को कॉलेजियम की चाल
सुप्रीम कोर्ट शासन करे ले संविधान की ढाल
राजनीति की चौसर पे नेता, चलते ढाई चाल
ईमानदारी का कंबल ओढ, गटक रहे हैं माल
श्री हरि
7.1.23
Renu
08-Jan-2023 04:51 PM
👍👍🌺
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Rajeev kumar jha
07-Jan-2023 07:44 PM
Nice
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Hari Shanker Goyal "Hari"
08-Jan-2023 08:33 AM
💐💐🙏🙏
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पृथ्वी सिंह बेनीवाल
07-Jan-2023 11:07 AM
👌👌
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Hari Shanker Goyal "Hari"
08-Jan-2023 08:33 AM
💐💐🙏🙏
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